खुद को भुला के चाहूँ जो जीना किसी के लिए, मेरी ज़िंदगी पे उठे क्यों सवाल इतने? छोड़ क खुद को भुला के चाहूँ जो जीना किसी के लिए, मेरी ज़िंदगी पे उठे क्यों सवाल इतने...
'तेरे साथ यूँ ही चल पाते, तेरी तरह यूँ ही खुल के बरस पाते, 'तेरे साथ यूँ ही चल पाते, तेरी तरह यूँ ही खुल के बरस पाते,
सही गलत पहचान, अपना पराया करना छोड़ तू।। सही गलत पहचान, अपना पराया करना छोड़ तू।।
कोई हमें छोड़ सकता है पर भूला नहीं सकता। कोई हमें छोड़ सकता है पर भूला नहीं सकता।
इतना प्यार करो इतना प्यार करो किसी से जितनी नफरत थी अब प्यार में बदल जाए। इतना प्यार करो इतना प्यार करो किसी से जितनी नफरत थी अब प्यार में बदल जाए।
गज़ल की तारीफ में शायरी नहीं की जाती। गज़ल की तारीफ में शायरी नहीं की जाती।